रैम रोम क्या होता है? RAM ROM kya hota hai? जाने आसान भाषा में?
रैम रोम क्या होता है? RAM ROM kya hota hai?
फ्रेंड्स कंप्यूटर और स्मार्टफ़ोन के इस युग में शायद ही कोई लोग होगा जिन्होंने RAM और ROM जैसे टर्म के बारे में नहीं सुना होगा। क्योंकि जब से मोबाइल फ़ोन की दुनिया रफ़्तार पकड़ी है तब से RAM और ROM ये दोनों शब्द के बारे में हर एक लोगों के जुबान पर है चाहे वे टेक्निकल पर्सन हो अथवा नॉन-टेक्निकल पर्सन।अब बात आती है की RAM और ROM, इन दोनों शब्दों से तो सभी लोग वाकिफ है पर टेक्निकली देखें तो शायद ही कुछ लोग होंगे जो इसके बारे में अच्छी तरह जानते होंगे। ऐसे में अगर यदि आप इसके बारे में अच्छी तरह जानते है तो बहुत अच्छी बात है परन्तु यदि आप इसकी Technicallities (तकनीक) को समझने के लिए यहाँ तक आये है तो आप सही जगह है, क्योंकि आज हमलोग इस टॉपिक में RAM और ROM के बारे में ही विस्तृत चर्चा करने जा रहे है वो भी कंप्यूटर और मोबाइल दोनों के Technicallities को ध्यान में रखते हुए, इसलिए आपसे आग्रह है की पूरी आर्टिकल को ध्यानपूर्वक पढ़ें....
यह बहुत ही फ़ास्ट और महँगी मेमोरी होती है इसलिए यह किसी भी डिवाइस में कम अमाउंट में पाई जाती है-2,4,8,16,32 GB तक या इससे थोड़ी ज्यादा। महँगी और कम अमाउंट में पाये जाने के कारण ही इसमें Volatile का कांसेप्ट दिया गया होता है ताकि इसपर उस डाटा या सॉफ्टवेयर के लिए हमेशा जगह बने रहे जिसपर काम किया जा रहा हो।
इसके अंदर वो डाटा या सॉफ्टवेयर स्टोर होती है जिसपर काम किया जा रहा होता है जैसे- जब भी कंप्यूटर या मोबाइल ऑन किया जाता है तो सबसे पहले ऑपरेटिंग सिस्टम Secondary Memory से आकार RAM पर Load होती है, इसके अलावा इसके अंदर वो File, Folder, Application इत्यादि Load होती है जिसको ओपन करके उसपर कार्य किया जा रहा होता है जैसे- जब किसी Application को ओपन करके उसपर कार्य किया जा रहा होता है तो उस एप्लीकेशन की सारी फाइलें और डेटा उतनी देर तक RAM पर ही सुरक्षित रहती है जब तक उसे Close या Device को Off ना कर दिया जाय।
RAM का सभी डिवाइस में एक सामान कांसेप्ट रहता है चाहे वह कंप्यूटर सिस्टम ह अथवा मोबाइल फ़ोन, यह सभी डिवाइस में केवल उस डाटा या सॉफ्टवेयर को ही Temprory Basis पर स्टोर रखता है जो वर्किंग में होता है।
Firmware वो प्रोग्राम होता है जिसमे उस डिवाइस से सम्बंधित जरुरी इनफार्मेशन तथा इंस्ट्रक्शन होता है जिसकी जरुरत केवल सिस्टम को बूट कराने के लिए तथा सिस्टम से सम्बंधित कुछ जरुरी इनफार्मेशन को स्टोर रखने के लिए होता है। यह हार्डवेयर के लिए ही सॉफ्टवेयर होता है जिसका डायरेक्ट यूजर से कोई लेना-देना नहीं रहता है।
ROM की साइज़ कुछ KB से लेकर कुछ MB तक में होती है जिसके अंदर फर्मवेयर Device Manufacturer Company के द्वारा ही डाला जाता है जिसको बार-बार बदलने या मॉडिफाई करने की जरुरत नहीं होती है। ROM के अंदर डाले जाने वाले फर्मवेयर में उस डिवाइस का Power On Sequence Instruction, Booting Instruction तथा उस Device के बारे में सारी Information होती है जिसका कुछ महत्पूर्ण कण्ट्रोल यूजर को दिया गया होता है जिसे कंप्यूटर में BIOS Setting के नाम से जाना जाता है जहाँ से कंप्यूटर के कुछ फंक्शन को Allow तथा Disallow किया जा सकता है तथा कंप्यूटर से सम्बंधित जानकारी को प्राप्त किया जा सकता है।ROM के Firmware को बदलने या मॉडिफाई करने का Permission यूजर को नहीं दिया गया होता है, इसे यूजर के द्वारा केवल अपडेट किया जा सकता है।
अब बात आती है कि मोबाइल के Internal Storage को ही ROM क्यों बोला जाता है तो Mobile में जिसे ROM बोला जाता है वह वास्तविक में एक EEPROM आधारित Flash Chip होती है जिसकी स्टोरेज क्षमता ज्यादा होती है और मोबाइल में ROM तथा Internal Storage दोनों के रूप में एक सिंगल फ़्लैश चिप का ही उपयोग किया जाता है इसलिए इसे ROM कहा जाता है। हालाँकि हर एक फ़्लैश स्टोरेज चिप को ROM नहीं कहा जा सकता है, ROM केवल उस चिप को कहा जा सकता है जिसमे Read Only का कांसेप्ट हो।
मोबाइल में ऑपरेटिंग सिस्टम तथा फर्मवेयर दोनों एक साथ एक ही चिप में डाले जाते है और इन दोनों को आसानी से बदला नहीं जा सकता, जबकि कंप्यूटर में फर्मवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम दोनों अलग-अलग होते है, फर्मवेयर ROM में तथा ऑपरेटिंग सिस्टम Secondary Memory (HDD, SSD) में डाले जाते है, इसके फर्मवेयर को तो आसानी से नहीं बदला जा सकता है परंतु ऑपरेटिंग सिस्टम को बदला जा सकता है।
मोबाइल में Flash Chip के ही कुछ हिस्सों का उपयोग Internal Storage के रूप में भी किया जाता है इसलिए Internal Storage को Part Of ROM कहा जाता है।
RAM एक Volatile Memory होता है अर्थात इसकी सारी डाटा Power Off होने के बाद गायब हो जाती है, जबकि ROM एक Non-Volatile Memory है जिसमे एक बार डाली गयी डाटा हमेशा के लिए सुरक्षित रहता है।
RAM में हमेशा डाटा Read/Write होते रहता है जबकि ROM की डाटा को केवल Read किया जाता है इसमें हमेशा डाटा Write नहीं किया जाता है।
RAM की साइज़ प्रयाप्त अमाउंट में होना यूजर के लिए जरुरी होता है जबकि ROM की साइज़ से यूजर को कोई विशेष लेना-देना नहीं होता है।
रैम क्या है? RAM kya hai?
RAM जिसका पूरा नाम Random Access Memory है, यह कंप्यूटर या किसी कम्प्यूटेशनल डिवाइस में पाए जानेवाला एक ऐसी मेमोरी चिप होती है जो कंप्यूटर को वर्किंग स्पेस अर्थात कार्य करने की जगह देने का काम करता है। यह कंप्यूटर की Main Memory होती है जिसे Primary Memory कहा जाता है। RAM एक Temporary Memory होती है जिसके अंदर कोई भी डाटा केवल उतनी ही देर तक सुरक्षित रहता है जितनी देर तक किसी सॉफ्टवेयर और डाटा पर काम किया जा रहा होता है या जितनी देर वह डिवाइस ऑन रहता है अर्थात वर्किंग पीरियड में रहता है, पावर ऑफ हो जाने के बाद इसकी सारी डाटा गायब हो जाती है इसलिए इसे Volatile Memory भी कहा जाता है।यह बहुत ही फ़ास्ट और महँगी मेमोरी होती है इसलिए यह किसी भी डिवाइस में कम अमाउंट में पाई जाती है-2,4,8,16,32 GB तक या इससे थोड़ी ज्यादा। महँगी और कम अमाउंट में पाये जाने के कारण ही इसमें Volatile का कांसेप्ट दिया गया होता है ताकि इसपर उस डाटा या सॉफ्टवेयर के लिए हमेशा जगह बने रहे जिसपर काम किया जा रहा हो।
इसके अंदर वो डाटा या सॉफ्टवेयर स्टोर होती है जिसपर काम किया जा रहा होता है जैसे- जब भी कंप्यूटर या मोबाइल ऑन किया जाता है तो सबसे पहले ऑपरेटिंग सिस्टम Secondary Memory से आकार RAM पर Load होती है, इसके अलावा इसके अंदर वो File, Folder, Application इत्यादि Load होती है जिसको ओपन करके उसपर कार्य किया जा रहा होता है जैसे- जब किसी Application को ओपन करके उसपर कार्य किया जा रहा होता है तो उस एप्लीकेशन की सारी फाइलें और डेटा उतनी देर तक RAM पर ही सुरक्षित रहती है जब तक उसे Close या Device को Off ना कर दिया जाय।
RAM का सभी डिवाइस में एक सामान कांसेप्ट रहता है चाहे वह कंप्यूटर सिस्टम ह अथवा मोबाइल फ़ोन, यह सभी डिवाइस में केवल उस डाटा या सॉफ्टवेयर को ही Temprory Basis पर स्टोर रखता है जो वर्किंग में होता है।
रोम क्या है ROM kya hai?
ROM का पूरा नाम Read Only Memory होता है, जैसा की इसका नाम है Read Only Memory अर्थात इसके नाम से स्पष्ट होता है की इससे डाटा को Read किया जा सकता है Write नहीं और वास्तविकता भी यही है कि ROM का इस्तेमाल किसी भी डिवाइस में उस सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल करने के लिए किया जाता है जिसको हमेशा Read करने की तो जरुरत पड़ती हो पर Write करने की जरुरत नहीं पड़ती हो। इसके अंदर डाले जाने वाले सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम को Firmware कहा जाता है।Firmware वो प्रोग्राम होता है जिसमे उस डिवाइस से सम्बंधित जरुरी इनफार्मेशन तथा इंस्ट्रक्शन होता है जिसकी जरुरत केवल सिस्टम को बूट कराने के लिए तथा सिस्टम से सम्बंधित कुछ जरुरी इनफार्मेशन को स्टोर रखने के लिए होता है। यह हार्डवेयर के लिए ही सॉफ्टवेयर होता है जिसका डायरेक्ट यूजर से कोई लेना-देना नहीं रहता है।
ROM की साइज़ कुछ KB से लेकर कुछ MB तक में होती है जिसके अंदर फर्मवेयर Device Manufacturer Company के द्वारा ही डाला जाता है जिसको बार-बार बदलने या मॉडिफाई करने की जरुरत नहीं होती है। ROM के अंदर डाले जाने वाले फर्मवेयर में उस डिवाइस का Power On Sequence Instruction, Booting Instruction तथा उस Device के बारे में सारी Information होती है जिसका कुछ महत्पूर्ण कण्ट्रोल यूजर को दिया गया होता है जिसे कंप्यूटर में BIOS Setting के नाम से जाना जाता है जहाँ से कंप्यूटर के कुछ फंक्शन को Allow तथा Disallow किया जा सकता है तथा कंप्यूटर से सम्बंधित जानकारी को प्राप्त किया जा सकता है।ROM के Firmware को बदलने या मॉडिफाई करने का Permission यूजर को नहीं दिया गया होता है, इसे यूजर के द्वारा केवल अपडेट किया जा सकता है।
मोबाइल ROM क्या होता है? Mobile ROM kya hota hai?
मोबाइल के केस में ROM का कांसेप्ट बदल जाता है क्योंकि कंप्यूटर के केस में तो हमलोग अच्छी तरह जानते है कि इसमें केवल फर्मवेयर डाला जाता है जिसकी जरुरत उसी सिस्टम की प्रॉपर ऑन होने के लिए तथा जरुरी इनफार्मेशन सेव रखने के लिए होती है। परंतु मोबाइल के केस में हमेशा ज्यादातर लोग कंफ्यूज हो जाते है क्योंकि मोबाइल में जिसे ROM कहा जाता है वही उसका Internal Storage भी होता है।अब बात आती है कि मोबाइल के Internal Storage को ही ROM क्यों बोला जाता है तो Mobile में जिसे ROM बोला जाता है वह वास्तविक में एक EEPROM आधारित Flash Chip होती है जिसकी स्टोरेज क्षमता ज्यादा होती है और मोबाइल में ROM तथा Internal Storage दोनों के रूप में एक सिंगल फ़्लैश चिप का ही उपयोग किया जाता है इसलिए इसे ROM कहा जाता है। हालाँकि हर एक फ़्लैश स्टोरेज चिप को ROM नहीं कहा जा सकता है, ROM केवल उस चिप को कहा जा सकता है जिसमे Read Only का कांसेप्ट हो।
मोबाइल में ऑपरेटिंग सिस्टम तथा फर्मवेयर दोनों एक साथ एक ही चिप में डाले जाते है और इन दोनों को आसानी से बदला नहीं जा सकता, जबकि कंप्यूटर में फर्मवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम दोनों अलग-अलग होते है, फर्मवेयर ROM में तथा ऑपरेटिंग सिस्टम Secondary Memory (HDD, SSD) में डाले जाते है, इसके फर्मवेयर को तो आसानी से नहीं बदला जा सकता है परंतु ऑपरेटिंग सिस्टम को बदला जा सकता है।
मोबाइल में Flash Chip के ही कुछ हिस्सों का उपयोग Internal Storage के रूप में भी किया जाता है इसलिए Internal Storage को Part Of ROM कहा जाता है।
रैम और रोम में क्या अंतर है? RAM or ROM me kya antar hai?
रैम और रोम में अंतर की बात करें तो इन दोनों में सीधा अंतर यह है कि RAM कंप्यूटर या किसी भी कम्प्यूटेशनल डिवाइस Working Space देने का काम करता है यानि यह किसी भी कम्प्यूटेशनल डिवाइस में उस डाटा को Temporary Basis पर स्टोर रखने का काम करता है जिसपर Current Time में काम किया जा रहा होता है जबकि ROM का उपयोग किसी भी डिवाइस में Firmware को Permanently स्टोर रखने के लिए किया जाता है।RAM एक Volatile Memory होता है अर्थात इसकी सारी डाटा Power Off होने के बाद गायब हो जाती है, जबकि ROM एक Non-Volatile Memory है जिसमे एक बार डाली गयी डाटा हमेशा के लिए सुरक्षित रहता है।
RAM में हमेशा डाटा Read/Write होते रहता है जबकि ROM की डाटा को केवल Read किया जाता है इसमें हमेशा डाटा Write नहीं किया जाता है।
RAM की साइज़ प्रयाप्त अमाउंट में होना यूजर के लिए जरुरी होता है जबकि ROM की साइज़ से यूजर को कोई विशेष लेना-देना नहीं होता है।
Conclusion (निष्कर्ष):
फ्रेंड्स हमें उम्मीद है की इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको RAM और ROM क्या है तथा इन दोनों में क्या अंतर है, मोबाइल में ROM का मतलब क्या होता है, इन सारी सवालों का जबाब मिल गया होगा, फिर भी किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन रह गयी हो तो कमेंट के माध्यम से पूछने का प्रयास करें। यह आर्टिकल आपको कैसी लगी इसकी प्रतिक्रिया कमेंट के माध्यम से जरुर दें ताकि आपके सामने बेहतर से बेहतर आर्टिकल को प्रस्तुत किया जा सके। इसी तरह की और भी आर्टिकल पढ़ते रहने के लिए Suggestion kharido baba से जुड़े रहे। धन्यवाद!
फ्रेंड्स हमें उम्मीद है की इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको RAM और ROM क्या है तथा इन दोनों में क्या अंतर है, मोबाइल में ROM का मतलब क्या होता है, इन सारी सवालों का जबाब मिल गया होगा, फिर भी किसी प्रकार का कोई कंफ्यूजन रह गयी हो तो कमेंट के माध्यम से पूछने का प्रयास करें। यह आर्टिकल आपको कैसी लगी इसकी प्रतिक्रिया कमेंट के माध्यम से जरुर दें ताकि आपके सामने बेहतर से बेहतर आर्टिकल को प्रस्तुत किया जा सके। इसी तरह की और भी आर्टिकल पढ़ते रहने के लिए Suggestion kharido baba से जुड़े रहे। धन्यवाद!
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